अनुलोम विलोम योग का महत्वपूर्ण प्राणायाम है जिसे मन और शरीर को शांत करने के लिए किया जाता है। यह specific type की breathing exercise (सांस लेने की प्रक्रिया) है, जिसके जरिये हम अपने शरीर को बहुत से फायदे पहुंचाते है। इसलिए इस article में हम anulom vilom ke fayde के बारे में जानेंगे ताकि इसके फायदे के जरिये हम शारीरिक और मानसिक रूप से improve हो।
अनुलोम विलोम क्या है? | What is Anulom Vilom? -
योग (yoga) के आठ अंग होते है जिनमे से एक महत्वपूर्ण अंग प्राणायाम (pranayama) है। अनुलोम विलोम (anulom vilom) प्राणायाम का ही एक प्रकार है। यह एक प्रकार की सांस लेने की विधि (breathing exercise) है जिसके जरिये हम शरीर को कुछ फायदे देते है।
अनुलोम विलोम का दैनिक अभ्यास तनाव में कमी, शरीर में oxygen की मात्रा का नियंत्रण बनाये रखना तथा रक्त संचार (blood flow) को बनाये रखता है। यही नहीं इसके बहुत से फ़ायदे और भी जिसके बारे में हम निचे जानेंगे, लेकिन उससे पहले यह जान लेते है कि अनुलोम विलोम प्राणायाम को कैसे perform किया जाता है।
अनुलोम विलोकम करने की विधि | How to Perform Anulom Vilom? -
अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से पहले आपको कुछ बातो का ध्यान रखना होता है, जैसे -
- अनुलोम विलोम का अभ्यास करने का सबसे सही समय सुबह (early morning) 4 से 7 बजे का होता है।
- अनुलोम विलोम को खाली पेट किया जाना चाहिए।
- आप खाना खाने के 4 घंटे बाद भी अनुलोम विलोम का अभ्यास कर सकते है।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम का पूरा फायदा आपको एक शांत, आरामदायक वातावरण में ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
ये कुछ बाते है जिनका आपको अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से पहले पता होना जरूरी है। अब अनुलोम विलोम प्राणायाम की विधि भी जान लेते है।
- सबसे पहले आप सुखासन की मुद्रा में बैठ जाए, अपनी रीढ़ और गर्दन को सीधा रखें और अपनी आँखें बंद करें।
- इसके बाद अपने मन को साफ करें और धीरे धीरे विचारों से मुक्त हो जाये। (यानि सोचना बंद करे।)
- अपने बाहरी कलाई को अपने घुटनों पर आराम से ध्यान मुद्रा में रखे।
- अपने दाहिने हाथ का उपयोग करके, अपनी हथेली की ओर अपनी मध्य और तर्जनी को मोड़ो।
- अपने अंगूठे को अपनी दाईं नासिका पर और अपनी अनामिका को बाईं नासिका पर रखें।
- अपने अंगूठे से अपनी दाहिनी नाक को बंद करे हुए दाहिने नाक से धीरे धीरे और गहरी सांस ले, जब तक कि आपके फेफड़े भरे न हों। अपनी श्वास पर ध्यान दें।
- इसके बाद, अपना अंगूठा छोड़ें और अपनी अनामिका से अपनी बाईं नासिका को बंद करें।
- दाहिनी नासिका से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- अब इसे उल्टा करें, इस बार दाहिनी नाक से सांस लें और बाएं से सांस छोड़ें।
- इस प्रकार इस प्रक्रिया को आप 20 से 30 बार रोजाना करे और इसके फायदे देंखे।
अनुलोम विलोम के फायदे | Anulom Vilom ke Fayde -
1. इससे शारीरिक तनाव कम होता है।
हम इस अभ्यास को करके तनाव को कम कर सकते हैं और बदले में शरीर के overall performance में सुधार कर सकते हैं। इससे हमें depression और anxiety (चिंता) जैसी बीमारियों को दूर रखने में मदद मिलती है। यहां तक की यह हमारे कुछ brain function को भी improve करता है, जिससे हमारी नींद बेहतर हो जाती है और सर दर्द से भी छुटकारा मिलता है।
2. यह शरीर में रक्त संचार बनाये रखता है।
यह आपके शरीर में blood circulation (रक्त संचार) और blood flow को बनाए रखता है। हमारे शरीर के बहुत से अंग ऐसे होते है जिसमे अगर blood circulation कम या ज्यादा हो जाये तो यह हमारे लिए हानिकारक होता है और कुछ मामलों में जानलेवा होता है।
अनुलोम विलोम के अभ्यास के कारण दिल, दिमाग और शरीर के दुसरे अंगो में रक्त संचार बना रहता है और नसों को साफ़ रखता है। इसके रोजना अभ्यास से आप blood pressure और diabetes जैसी बीमारियों को भी ख़त्म कर सकते है।
3. यह हमारे दिल को जवान बनाये रखता है।
अनुलोम विलोम रक्त को शुद्ध करके हमारे दिल की performance में सुधार करता है। इसके अलावा यह धमनियों को साफ करना, रक्त के प्रवाह में सुधार करना और हमें दिल के दौरे या cardiac arrests से बचाता है। इसके अतिरिक्त ये हमारे दिल को मजबूत बनाता है और इसे जवान रहने में मदद करता है।
4. यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
रोजाना नियमित रूप से सांस लेना हमें कब्ज़ और अन्य बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। इससे हमारा digestive system (पाचन तंत्र) मजबूत बनता है जो हमें वजन घटाने और वजन बनाये रखने में मदद करता है। वैसे इसके लिए आपको organic food और rich nutritional food खाना पड़ता है।
5. यह हमरे फेफड़े मजबूत करता है।
अनुलोम विलोम फेफड़ों की सहनशक्ति को तेजी से सुधारने का काम करता है और अस्थमा और अन्य allergy जैसे सांस संबंधी बीमारियों का इलाज करता है। यह हमारे overall breathing pattern को improve करने के साथ साथ हमें positive energy को absorb करने तथा negativity को बाहर निकालने में मदद करता है।
6. ये त्वचा को साफ़ रखता है।
त्वचा शरीर का महत्वपूर्ण और काफी sensitive अंग है और यह तनाव, सांस की बीमारियों और रक्त संचार से प्रभावित होती है। इस पर कोई खास खोज तो नहीं हुई है, लेकिन बहुत से लोग के हिसाब से ये अनुलोम विलोम हरी त्वचा को साफ़ और जवान बनाये रखता है।
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Conclusion -
अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करना काफी आसान है और इसके लाभ ऐसे हैं कि यह पुरे शरीर की overall performance में सुधार करता हैं।
इसके कोई साइड-इफेक्ट भी नहीं हैं और यह सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है। इसे दूसरी प्रकार की exercise के साथ भी किया जा सकता है। इसके फायदों के बारे में जानने के बाद आपको इसे अपने morning routine और workout में जरूर शामिल करना चाहिए।
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