अश्वगंधा आयुर्वेद की महतवपूर्ण और सबसे लाभकारी जड़ी बूटी में से एक है। इसका इस्तेमाल अनेको बीमारियों से मुक्ति के लिए आयुर्वेदिक औषधि के रूप में सालो से किया जा रहा है। इसमें कई प्रकार के ऐसे पोषक तत्व मौजूद है जो हमें अनेको बीमारियों से मुक्त होने के साथ साथ हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में भी मदद करते है।
आयुर्वेद के अनुसार इसके नियमित सेवन से यह आपके शरीर को मजबूत शरीर में कायापलट कर सकता है। लेकिन क्या इसके अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से कोई नुकसान भी हो सकता है?
अगर हाँ, तो इसका कितनी मात्रा में और किस तरह इसका उपयोग करना चाहिए?
इस article में हम अश्वगंधा से जुडी लगभग हर एक चीज़ के बारे में जानेगे। हम जानेंगे कि अश्वगंधा क्या है? इसमें कौन कौन से पौष्टिक तत्व और औषधीय गन शामिल है? इसके क्या क्या फायदे और नुकसान है? इसके इस्तेमाल में क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए? इसका इस्तेमाल किन किन लोगों को करना चाहिए और किन लोगो को नहीं करना चाहिए?
अश्वगंधा क्या है? | What is Ashwagandha?
यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके पत्ते और तना मसलने पर इससे घोड़े के मल की गंध आती है। इसकी जड़ो का इस्तेमाल कई प्रकर आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। यह ज्यादातर भारत के सूखे इलाको में पाया जाता है। यह पौधा अपने आप उग जाता है और इसकी कहती भी की जाती है।
अश्वगंधा का scientific नाम विथानिया सोम्नीफेरा (Withania Somnifera) है और इसे विंटर चैरी (Winter Cherry) और इंडियन गिनसेंग (Indian Ginseng) के नाम से जाना जाता है। भारत में प्राचीन काल से इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है।
इसमें कई प्रकार के ऐसे पोषक तत्व मौजूद है जिसकी हमारे शरीर को सख्त जरूरत होती है। चलिए जानते है कि इसमें कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते है।
अश्वगंधा के पोषक तत्व | Nutritional Elements of Ashwagandha
अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल पोषक तत्व शामिल है। चलिए जानते है कि अश्वगंधा में इनकी कितनी कौन से एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी पोषक तत्व कितनी मात्रा में शामिल है।
अश्वगंधा के औषधीय गुण | Medicinal Properties of Ashwagandha
अश्वगंधा का सबसे ज्यादा उपयोग यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी एजेंट और एंटी बैक्टीरियल एजेंट यौन समस्याओ को दूर करता है और इम्यून सिस्टम बेहतर बनाता है।
इसका नियमित अभ्यास पाचन शक्ति में वृद्धि और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है, जिससे हम सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी मौसम बदलने से आने वाली बीमारियों से दूर रहते है।
वैज्ञानिकों की शोध के अनुसार इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स मानसिक तनाव को कम करने और अच्छी निद्रा लाने में सहायक है। इसके नियमित सेवन से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर बनी रहती है।
इसमें कई प्रकार की एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज भी शामिल है जो हमारे शरीर को जवान और मजबूत बनाये रखती है।
अश्वगंधा के फायदे | Ashwagandha Khane Ke Fayde
भारत में इसका इस्तेमाल लोग प्राचीन काल से करते आ रहे है। लेकिन अब शोध के जरिये कई देशो के लोगो ने भी इसके फायदों को उजागर किया है।
आज अश्वगंधा का प्रयोग उन सभी फायदों के लिए भी होता है, जिनकी भारतीयों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। ऐसे कौन से फायदे है और यह हमारे लिये क्यों जरूरी है? चलिए जानते है अश्वगंधा के फायदों के बारे में।
यह पुरुषो में यौन क्षमता में वृद्धि करता है।
अश्वगंधा का इस्तेमाल पुरुषो में यौन क्षमता में वृद्धि के लिए किया जाता है। इसके नियमित सेवन से प्रजनन अंग मजबूत बनते है और वीर्य की मात्रा अरु गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है। यह हर प्रकर की यौन समस्या का दूर करने में सहायक है।
अब यह वैज्ञानिको द्वारा भी साबित कर दिया गया है कि इसके कुछ दिनों के सेवन से ही आप अपने सेक्स करने की अवधि को बढ़ा सकते है।
1. यह रोग प्रति रोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
अश्वगंधा में पोषक तत्व जैसे कि आयरन, कैल्शियम और अन्य एंटी ऑक्सीडेंट्स मौजूद होने के कारण इसे इम्युनिटी बूस्टर भी माना जाता है। वैज्ञानिको की शोध के अनुसार इसके नियमित सेवन से रोग प्रति रोधक क्षमता में वृद्धि की जाती है। इस कारण हम अनेको रोगो से बचे रहते है।
2. मानसिक तनाव और अवसाद को दूर करता है।
अश्वगंधा काफी प्रभावशाली तरीके से मानसिक तनाव और अवसाद को दड़ो करने में सहायक है। यह शरीर में cortisol के level को कम करता है जो कि एक प्रकार का stress hormone है।
यह hormone ही मानसिक तनाव और अवसाद के लिए जिम्मेदार होता है। इस कारण इसका प्रयोग कई प्रकर की stress release medicines बनाने में किया जाता है।
3. महुमेह जैसे रोगो से लड़ने में सहायक है।
एक research के अनुसार यह पता चला है कि अश्वंगधा का इस्तेमाल करने से यह शरीर में sugar level को maintain करने में सहायक है। यह रक्त में glucose level को भी कम करता है, जिससे महुमेह के मरीजों को राहत मिलती ही।
4. अनिंद्रा की समाया से मुक्ति दिलाता है।
जो लोग अनिंद्रा से पीड़ित है, ऐसे में अश्वगंधा चूर्ण उन लोगो के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। यह मानसिक तनाव दूर करने के साथ शारीरिक तनाव भी दूर करता है और cortisol level को भी कम करता है। जिस कारण हम बेहतर quality sleep ले पाते है।
5. आखो की रौशनी में वृद्धि करता है।
कई बार देर तक screen के सामने काम करने से आँखे कमजोर हो जाती है, जिससे हमारे सिर और आँखों में भी दर्द होने लगता है। इस समस्या में निपटने के लिए हमे एक गिलास पानी में 2 से 4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर 1 से 2 हफ्तों तक पीना चाहिए। हम किसी प्रकार के जूस में भी मिलकर इसका सेवन कर सकते है।
6. अर्थराइटिस और थाइरोइड जैसी बीमारियों को दूर करने में सहायक है।
अर्थराइटिस और थाइरॉइड इन दोनों बीमारितो की वजह से शरीर बेहद कमजोर हो जाता है। ऐसे में अश्वगंधा का सेवन करने शरीर को मजबूती प्राप्त होती है और हमारी रोग प्रति रोधक क्षमता में विकास के कारण हम इन रोगो से अच्छे से लड़ भी पाते है।
7. इसके सेवन से शरीर की हड्डियां और मांशपेशियां मजबूत बनती है।
अश्वगंधा चूर्ण का नियमित रूप से सेवन करने पर testosterone level बढ़ता है, जो कि एक प्रकर का growth hormone होता है। इससे हमारे शरीर की माशपेशियों के विकास में बहुत सहायता मिलती है। रोजाना व्यायाम के साथ हमारी माश्पेशिया जल्दी recover होती यही और पहले से ज्यादा मजबूत भी बनती है।
इसमें मौजूद calcium हमारी हड्डियों को भी मजबूत बनाता है।
8. वजन कम करने में काफी सहायक है।
इसका सेवन करने हम अपने शरीर का वजन प्रभावशली तरीके से कम कर सकते है। यह हमारे शरीर की पाचन शक्ति में वृद्धि में करता है, जिस कारण हमारे द्वारा खाया गया भोजन हम आसानी से पचा पाते है और शरीर में अतिरिक्त calories जमा नहीं होती।
इसके सेवन के बाद हम लम्बे समय तक काम कर पाते है, जिससे हमारे शरीर की अत्यधिक ऊर्जा जाती है, जो कि वजन कम करने के लिए जरूरी है।
9. यह त्वचा को जवान बनाये रखने में मदद करता है।
अश्वगंधा शरीर को काफी मजबूत तो बनाता है लेकिन साथ ही यह हमारे त्वचा को भी जवान बनाये रखता है। इसके सेवन के कारण हमारे शरीर से free radicles बहुत ही कम मात्रा में बनते है जिससे त्वचा पर फोड़े और फुंसी नहीं होते और झुर्रियां भी नहीं पड़ती।
10. यह बालो को घना और मजबूत बनाता है।
अश्वगंधा का सेवन बालो का स्वास्थय भी बनाये रखता है, उन्हें जवान बनाये रखता है और मजबूती भी प्रदान करता है। यह बालो की गुणवत्ता में भी वृद्धि करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालो का life span भी बढ़ाते है।
11. यह स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है।
अश्वगंधा का नियमित रूप से सेवन करने से स्टैमिना बढ़ता है। आप कोई भी मेहनत का काम आसानी से और बहुत ही लम्बे समय तक कर सकते है। वैगनिको ने इस तथ्य को साबित भी कर दिया है। इसलिए बहुत से athlete कर body builder इसका सेवन नियमित रूप से करते है।
कई international खिलाड़ियों और wrestlers ने तो इसे अपनी diet का एक एहम हिस्सा बताया है। इसलिए जो व्यक्ति अपना stamina बढ़ाना चाहते है, उनके लिए यह बेहद लाभकारी है।
अश्वगंधा के नुकसान | Side effects of Ashwagandha in Hindi
- अश्वगंधा का अत्यधिक सेवन करने से जी मिचलाना, उलटी और दस्त की समस्या हो सकती है।
- इसके अत्यधिक सेवन से यह नींद को ख़त्म कर देता है जिससे आप quality sleep नहीं ले पाते।
- गर्भवती महिलाओ के लये अश्वगंधा का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है।
- Low blood pressure की स्थिति में इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
- इसके अत्यधिक सेवन से यह वात, पित्त और कफ को असंतुलित कर सकता है।
सावधानियां | Precautions
- अश्वगंधा का सेवन रात को दूध और गुनगुने पानी में मिलाकर ही सबसे सही माना गया है।
- इसका सेवन दिन में एक बार 2 से 4 ग्राम की मात्रा में करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाये और किसी प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
अश्वगंधा का उपयोग किसे करना चाहिए? | Who Should Use Ashwagandha?
- जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर है, वो लोग नियमित रूप से इसका सेवन कर सकते है।
- कमजोर यौन क्षमता से पीड़ित व्यक्ति इसका सेवन दूध में मिलकर कर सकते है।
- अनिंद्रा और मानसिक तनाव से पीड़ित व्यक्ति भी इसका सेवन कर सकते है।
- मधुमेह, थाइरोइड और अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति के लिए इसका सेवन बेहद लाभकारी है।
- जो लोग उच्च रक्तचाप की समस्या को दूर करना चाहते है, वे लोग इसका सेवन कर सकते है।
- जो लोग त्वचा संबधी रोग से छुटकारा पाना चाहते है और बालो को मजबूत बनाना चाहते है, उन्हें इसका सेवन 1 से 2 हफ्ते तक करना चाहिए।
अश्वगंधा का उपयोग किसे नहीं करना चाहिए? | Who Should Not Use Ashwagandha?
- गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इससे गर्भपात भी हो सकता है।
- जो लोग low blood pressure से पीड़ित है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- गला, खासी, जुकाम और बुखार की स्थति में अश्वगंधा का नहीं करना चाहिए।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें | How Much to Consume Ashwagandha
किसी भी जड़ी बूटी का अच्छे से लाभ उठाने के लिए उसके फायदे और नुक्सान तथा उचित मात्रा में सेवन का पता होना जरूरी है। इसलिए आप पहले ही यह पता कर ले या किसी डॉक्टर से परामर्श ले कि आपको अशीगंधा का सेवन करना चाहिए या नहीं?
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है और आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का कोई side effect नहीं होता। हाँ, ज्यादा मात्रा में किसी भी चीज़ का सेवन शरीर के लिए हानिकारक होता है। यही बात अश्वगंधा और अन्य जड़ी बूटी पर भी इस्तेमाल होती है।
अश्वगंधा का सेवन अधिकतर उसकी जड़ो के चूर्ण के रूप में किया जाता है। आप दो से चार ग्राम चूर्ण का सेवन दूध में मिलकर या गुनगुने पानी में मिलाकर कर सकते है।
कुछ लोग इसे अपनी recipes में भी इस्तेमाल करते है, लेकिन इसका स्वाद फीका और कड़वे के बीच का होता है।
अश्वगंधा का अत्यधिक लाभ उठाने के लिए इसका सेवन रात को दूध में मिलकर करना चाहिए। इसका 2 से 4 ग्राम की मात्रा तक इस्तेमाल करे।
Frequently Asked Questions -
अश्वगंधा कितने दिनों तक खाना चाहिए?
अश्वगधा एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे कम मात्रा में इस्तेमाल करने पर यह बहुत से फायदे प्रदान करती है। इसे लम्बे समय तक लेना जरूरी नहीं है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा 4 से 6 हफ्तों तक ही इसका सेवन करना चाहिए।
अश्वगंधा के क्या क्या साइड इफेक्ट्स है।
इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त, जी मिचलान और उलटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए इसे उचित मात्रा 2 से 4 ग्राम और 4 से 6 हफ्तों से ज्यादा इसका सेवन न करे।
क्या अश्वगंधा को दूध के साथ लिया जा सकता है।
जी हाँ। अश्वगंधा को दूध में मिलाकर लेने पर यह सबसे ज्यादा लाभकारी साबित होता है। इसके पोषक तत्व दूध के पोषक तत्वों के साथ मिलकर शरीर को अत्यधिक लाभ प्रदान करते है।
अश्वगंधा चूर्ण कहाँ से ख़रीदे?
बाजार में अनेको प्रकार के अश्वगंधा प्रोडक्टस मौजूद है। इनमे सबसे trusted और quality अश्वगंधा चूर्ण पतंजलि अश्वगंधा चूर्ण और हिमालय अश्वगंधा चूर्ण को आप खरीद सकते है और नियमित रूप से सेवन कर सकते है।
निष्कर्ष
जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर है और एक मजबूत और ताकतवर शरीर की कामना रखते है, उनके लिए अश्वगंधा किसी वरदान से कम नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार इसके नियमित सेवन से शारीरिक क्षमता का विकास किया जाता है और यह शरीर को मजबूत बनाने के साथ साथ उसे बहुत से रोगो से भी बचता है।
इतना ही नहीं, इसके बहुत से फायदे ओर भी है, जिनके बारे में हमने ऊपर बताया है। उचित मात्रा में इसके सेवन इन सभी फायदों को प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए हमारा मानना है कि इसका सेवन युवाओ, एथलीट और बुजुर्गो को जरूर करना चाहिए।
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