चतुरंग दंडासन शरीर को सबसे ज्यादा शक्ति और मजबूती प्रदान करने वाला हाथ योग के महत्वपूर्ण आसनों में से एक है जो शरीर में वजन को घटाता है और अतिरिक्त चर्बी को कम करता है। यह push up और plank position के समान दिखने वाला आसन है। लेकिन इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है।
इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि चतुरंग दंडासन क्या है, इसे कैसे किया जाता है, इसके क्या क्या फायदे है और आपको क्यों इसका अभ्यास रोजाना करना चाहिए।
चतुरंग दंडासन -
चतुरंग दंडासन संस्कृत के चार शब्दो से मिलकर बना है, जिसमे 'चतुर' का अर्थ है 'चार', 'अंग' का अर्थ है 'शारीरिक अंग', 'दंड' का अर्थ है 'डंडा' और 'आसन' का अर्थ है 'मुद्रा'। इस योगासन में शरीर के चारो अंग (दो हाथ और दो पैर) को जोड़कर एक डंडे के समान रखा जाता है। यह आसन सूर्य नमस्कार का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसके दैनिक अभ्यास से शरीर में चर्बी नहीं बढ़ती और शरीर का वजन भी नियंत्रण में रहता है। इसके फायदों के बारे में गहराई से जानते है।
चतुरंग दंडासन के फायदे -
- इसके अभ्यास से शरीर मजबूत बनता है।
- यह आसन सूर्य नमस्कार का महत्वपूर्ण भाग है, जो कि शरीर को स्वस्थ बांये रखने वाले सबसे महत्वपूर्ण आसनों में से एक है।
- इसके अभ्यास से शरीर में रक्त संचार संतुलित रहता है।
- यह हृदय और फेफड़ो और पेट को भी मजबूत बनाता है।
- यह आसन शरीर में अतिरिक्त चर्बी को कम करता है और वजन को नियंत्रण में रखता है।
- चतुरंग दंडासन पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।
- यह आसन कंधो, हाथो, घुटनो के जोड़ो को भी मजबूती प्रदान करता है।
- यह शरीर की मांसपेशियों को भी मजबूती प्रदान करता है।
- इसे अधिक समय तक करने पर शरीर में चुस्ती और स्फूर्ति आती है।
- यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है।
चतुरंग दंडासन करने की विधि -
- इस आसन का अभ्यास करने से पहले अधोमुख शवासन और ऊर्ध्व मुख शवासन का 2 से 3 बार अभ्यास करना जरूरी है। इससे आपको चतुरंग दंडासन का अभ्यास करने में आसानी होगी।
- सबसे पहले पेट के बल लेट जाए और एक गहरी सांस ले।
- अपने हाथो को अपने कंधों के सामान रखे। कंधो और हाथों के बीच बहुत कम स्थान होना चाहिए।
- अब अपने हाथो और पैर के पंजो पर वजन डालते हुए थोड़ा सा ऊपर की और उठे।
- अपनी नजरो को सामने की ओर रखे, अपनी कमर को बिल्कुल सीधा रखें और अपने पेट की अंदर की ओर टाइट करके रखे।
- अब इस मुद्रा में कुछ 30 से 60 सेकण्ड्स तक रहे और 3 से 5 चक्र ही काफी है।
- इस योगासन का अत्यधिक लाभ उठाने के लिए इस मुद्रा में आप धीरे धीरे श्वास लेने और छोड़ने का अभ्यास करे।
सावधानियां -
- इसका अभ्यास बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं न करे।
- शरीर के जोड़ो और माशपेशियों में किसी प्रकार की चोट होने पर इस आसन को न करे।
- किसी प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर भी इस आसन को न करे।
- इस आसन को सदैव खाली पेट और सुबह सुबह ही करना चाहिए।
- इस आसन को योग मैट बिछाकर करे।
Frequently Asked Questions -
चतुरंग दंडासन क्या है?
चतुरंग दंडासन संस्कृत के चार शब्दो से मिलकर बना है, जिसमे 'चतुर' का अर्थ है 'चार', 'अंग' का अर्थ है 'शारीरिक अंग', 'दंड' का अर्थ है 'डंडा' और 'आसन' का अर्थ है 'मुद्रा'। इस योगासन में शरीर के चारो अंग (दो हाथ और दो पैर) को जोड़कर एक डंडे के समान रखा जाता है। यह आसन सूर्य नमस्कार का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
चतुरंग दंडासन कैसे किया जाता है?
सबसे पहले पेट के बल लेट जाए और एक गहरी सांस ले। अपने हाथो को अपने कंधों के सामान रखे। कंधो और हाथों के बीच बहुत कम स्थान होना चाहिए। अब अपने हाथो और पैर के पंजो पर वजन डालते हुए थोड़ा सा ऊपर की और उठे। अपनी नजरो को सामने की ओर रखे, अपनी कमर को बिल्कुल सीधा रखें और अपने पेट की अंदर की ओर टाइट करके रखे।
चतुरंग दंडासन के क्या क्या फायदे है?
ये कुछ वीरभद्रासन के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे है।
- इसके अभ्यास से शरीर में रक्त संचार संतुलित रहता है।
- यह हृदय और फेफड़ो और पेट को भी मजबूत बनाता है।
- यह आसन शरीर में अतिरिक्त चर्बी को कम करता है और वजन को नियंत्रण में रखता है।
- चतुरंग दंडासन पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।
बाकि फायदों के बारे में जानने के लिए पूरा article पढ़े।
चतुरंग दंडासन कब और कितने समय तक किया जाता है?
इस आसन का अभ्यास करने का उचित समय सुबह सुबह खाली पेट का होता है। इस आसन को 30 से 60 seconds मुद्रा में और 3 से 4 चक्र ही काफी है।अगर आप कोई एथलीट है और अगर आप युवावस्था में है, तो इस आसन का अभ्यास आपको रोजाना करना चाहिए। इस आसन को योग मैट पर ही करना चाहिए।
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निष्कर्ष -
यह आसन देखने में push up और plank position के समान लग सकता है लेकिन यह इस दोनों एक्सरसाइज से भी ज्यादा लाभकारी और गुणकारी है। यह सिर्फ वजन और चर्बी को कम करने के लिए ही नहीं, बल्कि शरीर को मजबूती प्रदान करने के लिए किया जाता है।
इसके आसन के बहुत सारे फायदे है और युवाओं के लिए तो यह आसन अमृत के समान है। इसलिए युवाओं को इस आसन का अभ्यास जरूर करना चाहिए।
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