Cinnamon in Hindi | दालचीनी के फायदे, नुकसान और उपयोग।

दालचीनी एक ऐसी सामग्री है जो आपको आमतौर पर भारतीय घरो की रसोई में पायी जाती है। भारत में दालचीनी का प्रयोग केवल मसालों के रूप में ही करते हैं, क्योंकि भारत में ज्यादातर महिलाये इसके फायदों से अनजान है। लेकिन आयुर्वेद में दालचीनी का अलग ही महत्व है।

आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी को एक बहुत ही फायदेमंद औषधि का काम करती है। दालचीनी के इस्तेमाल से बहुत से रोगों का इलाज किया जा सकता है। इस आर्टिकल में हम दालचीनी से जुडी लगभग हर एक चीज़ के बारे में जानेंगे। हम जानेगे कि दालचीनी क्या है? इसे कैसे प्रयोग किया जाता है? आयुर्वेद में इसका प्रयोग किस तरह किया जाता है? इसके क्या क्या फायदे और नुकसान है।

 

cinnamon in hindi

 

दालचीनी क्या है? | Cinnamon in Hindi?


दालचीनी की छाल तेजपत्ते की वृक्ष छाल से अधिक पतली, पीली, और अधिक सुगन्धित होती है। यह भूरे रंग की मुलायम, और चिकनी होती है। इसे मसालों के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम सिनॅमोमम झेलॅनिकम है।

दालचीनी का पेड़ हराभरा तथा छोटी झाड़ी जैसा होता है। उसके तने की छाल चुनकर सुखाई जाती है। इसके पेड़ से हमेशा सुगंध आती है। इसका उपयोग मसालों और दवा के तौर पर किया जाता है।

दालचीनी के कुछ महतवपूर्ण फायदे इस प्रकार है।

 

दालचीनी के फायदे।

 

दालचीनी के फायदे। | Cinnamon Benefits in Hindi


दालचीनी के सेवन से पाचन संबंधी समस्याओ, दांत, व सिर दर्द, चर्म रोग, मासिक धर्म से सम्बंधित समस्याओ को दूर करता है। इसके साथ ही यह दस्त, और टीबी में भी इसके प्रयोग से लाभ मिलता है। हालांकि इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है ,चलिए इसके फायदों के बारे में गहराई से जानते है।

1. यह भूख बढ़ाने में सहायक है।


दालचीनी का सेवन बढ़ाने में सहायक होता है। इसका इस्तेमाल भोजन में सुगंध और स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। क्योकि इसका प्रयोग मसालों के रूप में ही होता है, इसलिए इसका काम भी भोजन को अच्छे से पचाना है। हालांकि आयुर्वेद में ज्यादतर इसका प्रयोग खाने में न करकर इससे औषधि बनाई जाती है। इसके चूर्ण का इस्तेमाल प्रचुरता से औषधि के रूप में किया जाता है।

2. जी मिचलाना और उल्टी की समस्या दूर करती है दालचीनी।


खाने में दालचीनी का इस्तेमाल करने से खाने का स्वाद तो बढ़ता है ही, लेकिन साथ ही यह उलटी और जी मिचलाने की समस्या को भी दूर करता है। इस नुश्खे का इस्तेमाल आप इसके चूर्ण के साथ भी कर सकते है। दालचीनी का प्रयोग उल्टी रोकने के लिए करने के लिए इसके चूर्ण का इस्तेमाल करे और लौंग का काढ़ा बनाकर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसकी 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से उल्टी पर रोक लगती है।

3. यह आँखों की रौशनी बढ़ाने में सहायक है।


बहुत से लोगो की आँखों की रौशनी बहुत समय तक स्क्रीन के सामने बैठे रहने की वजह से कमजोर हो जाती है। लोग बराबर शिकायत करते हैं कि उनकी आंखें फड़कती रहती हैं। दालचीनी का तेल आंखों के ऊपर लगाने से आँखों की समस्याएं दूर की जा सकती है। इससे आंखों का फड़कना भी बन्द हो जाता है, और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। दालचीनी का प्रयोग खाने में करने से भी हमारी आँखों को फायदा मिलता है।

4. शुगर लेवल कण्ट्रोल करने में सहयक होता है।


वैज्ञानिको की कई अध्ययनों और अध्ध्यनों से इस बात का पता चला है कि दालचीनी में कई ऐसे घटक शामिल है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। दालचीनी type-2 dibetes में भी राहत का काम करता है। इसलिए जो लोग मधुमेह से पीड़ित है और अपनी मधुमेह को संतुलित करना चाहते है, उनके लिए दालचीनी का सेवन अतयंत लाभकारी साबित हो सकता है।

5. हाडियो को मजबूत बनाता है दालचीनी का सेवन।


दालचीनी में कई ऐसे घातक पाए जाते है, जो हड्डियों को मजबूत बनाते है। इसलिए इसका प्रयोग खाने में किया जाता है। यह भोजन को स्वादिष्ट और सुगन्धित तो बनाता है ही, साथ ही हमारे शरीर को भी पोषक तत्व प्रदान करता है।

6. अच्छी त्वचा के लिए भी जरूरी है दालचीनी का सेवन।


दालचीनी में बहुत से एंटी बैक्टीरियल गुण शामिल है , जो हमारे शरीर से free radicals को दूर करते है। दालचीनी को दूध में मिलाकर पीने से यह हमारी त्वचा को  बहुत ही फायदा पहुंचाता है। एंटी बैक्टीरियल गुण शामिल होने के कारण यह हमारी त्वचा के साथ साथ हमारे बालो के लिए भी फायदेमंद होता है।

7. सर्दी और जुकाम को भी दूर करता है दालचीनी का सेवन।


दालचीनी का सेवन सर्दी और जुकाम को दूर करने में भी हमारी सहायता करता है। क्योंकि इसमें कई प्रकार के ऐसे घटक शामिल है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है। इससे हमें आमतौर पर होने वाले रोग नहीं होते और सर्दी और जुकाम की समस्या भी दूर होती है। इसके लिए दालचीनी को पीसकर इसका लेप लगाए या इसका इस्तेमाल दूध में भी किया जा सकता है।

8. कोलेस्ट्रॉल कम करने में कारगर है दालचीनी का सेवन।


जिन लोगो की शरीर में अत्यधिक चर्बी है वे लोग दालचीनी का प्रयोग कर अपनी चर्बी कम कर सकते है। वैज्ञानिको के शोध के अनुसार जो लोग अपने भोजन में दालचीनी का प्रयोग नियमित रूप से करते है, उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल दुसरे लोगो से कम होता है। इसलिए इसका सेवन उन लोगो को भी करना चाहिए जो अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करना चाहते है।

 

 

Frequently Asked Questions -


क्या दालचीनी हमारे बालो के लिए फायदेमंद है?


दालचीनी का पाउडर नारियल तेल मिलकर लगाने से यह हमारे बालो को पोषण प्रदान करता है। इससे हमारे बाल भी मजबूत बनते है और चमकदार भी होते है। इससे आपके बालो का रूखापन भी दूर हो जायेगा।

दालचीनी की तासीर क्या है?


दालचीनी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अत्यधिक सेवन वात, पित्त और कफ को भी असंतुलित करता है। क्योकि इसका मसालों में प्रयोग होता है, इसलिए कम मात्रा में इसका इस्तेमाल ही फायदेमंद होता है।

क्या दालचीनी को दूध के साथ पिया जा सकता है?


बहुत से लोगो दालचीनी पाउडर को दूध में मिलकर करते है। यह एक आयुर्वेदिक प्रिक्रिया है, जिसमे दालचीनी मधुमेह को कम करने में भूमिका निभाती है और हमारी शरीर को भी मजबूत बनाती है।

शहद में दालचीनी मिलकर पीने से क्या होता है?


दालचीनी को शहद में मिलाकर पीने से यह हमारा कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में मदद करती है। इसके अलावा बहुत से डॉक्टरों का मानना है कि इससे heart attack के चान्सेस भी बहुत कम हो जाते है।


 

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निष्कर्ष।


दालचीनी एक ऐसी सामग्री है, जिसका प्रयोग भारत की हर रसोई में होता है। यह आमतौर पर तो हर घर में पाया ही जाता है इसलिए इसके फायदों को देखते हुए आपको इसका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।

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