Giloy ke Fayde | गिलोय के फायदे, नुकसान और उपयोग।

कोरोना महामारी के चलते बहुत से लोग अपनी immunity बढ़ाना चाहते है और इसके लिए लोग गिलोय का और गिलोय के जूस का सेवन कर रहे है। इसके नियमित सेवन से आप अपनी खोई हुई immunity भी वापस पा सकते है। लेकिन क्या आप जानते है कि immunity बढ़ाने के अलावा गिलोय के और भी बहुत से फायदे है, जिनसे आप अनजान है।

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि गिलोय क्या है? इसके क्या क्या फायदे और नुक्सान है? इसमें कौन कौन से पोषक तत्व और औषधीय गुण विद्यमान है? इसका उपयोग कैसे किया जाता है? इसका सेवन किन किन लोगो को करना चाहिए और किन्हे नहीं करना चाहिए?

 

giloy ke fayde

 

गिलोय क्या है? | What is Giloy?


गिलोय एक प्रकार की बेल होती है जो दिखने में रस्सी की तरह होती है। इसके पत्ते पान के आकर के होते है जो चमकदार हरे रंग के होते है। यह मुख्य रूप से खाली मैदान और नमी वाली जगह पर पायी जाती है। इस पर हलके पीले रंग के फूल गुच्छो में उगते है। इसे दुसरे पेड़ो और पौधों पर उगता हुआ देखा गया है।

आयुर्वेद में गिलोय को 'अमृता जड़' भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम 'टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया' (Tinospora Cordifolia) है। इसे इंग्लिश में The root of immortality भी कहा जाता है।

लोगो का कहना है कि गिलोय जिस पेड़ पर उग जाती है, उसे कभी मरने नहीं देती।

आचर्य चरक के अनुसार गिलोय आयुर्वेद की बहुत ही महतवपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है जिसमे मौजूद पोषक तत्व अनेको रोगो को शरीर से दूर रखती है और शरीर का स्वास्थ्य भी बनाये रखती है। चलिए गिलोय में मिलने वाले पोषक तत्वों के बारे में गहराई से जानते है।


giloy kya hai

 

गिलोय  के पौष्टिक तत्व | Nutritional Elements of Giloy


आयुर्वेद के अनुसार गिलोय में मौजूद पोषक तत्व वाट दोष, त्रिदोष, बुखार, खासी, पीलिया, धातु विकार, यकृत निष्क्रियता, त्वचा विकार, झाइयां, झुर्रियां, कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों को दूर करते है और शरीर रक्त को साफ़ काने के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करते है। चलिए जानते है कि  कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाए जाते है?

गिलोय के औषधीय गुण | Medicinal Properties of Giloy


  • इसका सेवन मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू और पीलिया की स्तिथि में राहत दिलाता है और तबियत को ठीक करता है।
  • आंवले और गुड़ के साथ गिलोय का सेवन करने से पेट सम्बन्धी रोग जैसे पेट दर्द, कब्ज और दस्त से राहत मिलती है और साथ पाचन शक्ति में वृद्धि के साथ साथ यह पाचन अंगो को भी मजबूती प्रदान करता है।
  • गिलोय के तने का प्रयोग अस्थमा, खांसी, गल्ले कंठ, जुकाम और बुखार जैसे रोगो की आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए किया जाता है।
  • यह शरीर में वात्त, पित्त और कफ को संतुलित करता है और पाचन शक्ति में वृद्धि के साथ साथ रोग प्रति रोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है।
  • अदरक और गर्म पानी के साथ गिलोय के अर्क का सेवन करने से रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसे रोगो से छुटकारा मिल जाता है।
  • गिलोय काअर्क शरीर से जमा हुए विषाक्त पदार्थों को निकालता है, रक्त को साफ़ करता है और शरीर को हानि पहुंचाने वाले कीटाणुओं से लड़ने में मदद करता है।
  • गिलोय का अर्क दूध में उबालकर पीने से जोड़ों में दर्द से छुटकारा मिलता है और हड्डिया मजबूत होती है।


 

giloy benefits in hindi

 

गिलोय के फायदे | Giloy Benefits in Hindi


आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का सेवन हमें बहुत सी बीमारियों से दूर रखता है। इसका सही से करने पर यह हमें रोगो से दूर रखने के साथ साथ हमे कई प्रकार के महतवपूर्ण स्वास्थ्य संबधी फायदे भी प्रदान करता है। गिलोय से मिलने वाले फायदे इस प्रकार है।

1. यह रोग प्रति रोधक क्षमता का विकास करता है।


आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का सबसे महतवपूर्ण काम शरीर में रोग प्रति रोधक क्षमता में वृद्धि करना है। इसके बारे में 'आचार्य चरक' ने 'चरक संहिता' में भी लिखा है। इसमें मौजूद कई प्रकार के anti-oxidants और anti-inflammatory गुण शरीर को रोगो से दूर रकते है।

इन रोगो में खासी, जुकाम, बुखार और सामान्य मौसम बदलने पर होने वाली बीमारिया आदि शामिल है। इसके अलावा यह विशेष प्रकार के बुखार जैसे मलेरिया, डेंगू और टाइफाइड जैसे रोगो में भी राहत दिलाता है। गिलोय का ज्यादातर प्रयोग इन्ही अवस्थाओं में किया जाता है।

2. यह मधुमेह जैसे रोग से लड़ने में सहयक है।


कई शोध के अनुसार गिलोय हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट की तरह काम करती है, जिससे type-2 diabetes को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। यह रक्त में sugar level को कम करता है। इसके लिए मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति 2 से 3 चम्मच गिलोय के अर्क का सेवन कर सकते है, जो उन्हें मधुमेह से लड़ने में काफी मदद करेगा।

3. इसका सेवन पाचन शक्ति में वृद्धि करता है।


गिलोय का नियमित रूप से यह पाचन सम्बन्धी समस्याओ को दूर करता है और पाचन अंगो को भोजन में से अच्छे से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सहायता करता है। इसके साथ साथ यह कब्ज, गैस और दस्त की समस्याओ से निजात पाने में लाभकारी है। इसका अत्यधिक लाभ उठाने के लिए आपको रात को खाना खाने के पश्चात गिलोय के juice का 2 से 3 चम्मच रोजाना सेवन करना चाहिए।

4. यह त्वचा को साफ़ और जवान बनाये रखता है।


गिलोय का सेवन त्वचा के लिए भी लाभकारी है क्योंकि यह शरीर में जमा हुए toxins को बाहर निकालता है और शरीर के आंसर free radicals को बनने से रोकता है। यह कील, मुहासो को दूर करने के साथ साथ skin allergy जैसे fungal infections, खाज-खुजली, तवाहका पर दाग पड़ना आदि को दूर करता है।

सुबह सुबह खाली पेट गिलोय के juice का सेवन त्वचा पार झुर्रियां को कम करता है और त्वचा को साफ़ और जवान बनाये रखता है।

5. यह लीवर के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।


गिलोय हमारे पाचन अंगो के लिए तो जरूरी है ही, लेकिन यह लीवर और पित्ताशय के स्वास्थ्य को भी सही रखता है। ज्यादा fast food मसाले वाला भोजन करने और alcohol drinking करने से हमारे लीवर और पित्ताशय पर बहुत बुरे दुष्प्रभाव पड़ते है। ऐसे में गिलोय का सेवन लिवर और पित्ताशय के बेहद लाभकारी है।

यह लीवर और पित्ताशय सम्बन्धी रोगो से बचाव करने के साथ साथ इनकी कार्यप्रणाली भी बेहतर बनाता है। इसका अत्यधिक लाभ उठाने के लिए आपको सुबह सुबह 1 चम्मच शहद गिलोय के juice या अर्क में मिलाकर लेना चाहिए।

6. यह आँखों की रौशनी बढ़ाने में सहायक है।


आँखों की रौशनी में वृद्धि करना भी गिलोय के औषधीय गुणों में से एक है। आधुनिक जीवनशैली के चलते हमें दिन के ज्यादातर समय screen के सामने बैठना पड़ता है। Screen से निकलने वाली रौशनी हमारी आँखों के लिए खराब होती है। इससे आँखों के निचे काले धब्बे हो जाते है और इसकी वजह से हमें  farsightedness होने के chances बढ़ जाते है। लेकिन गिलोय का सेवन आपको इस समस्या से भी छुटारा दिला सकता है।

इसके लिए आपको गिलोय के रस में एक चम्मच शहद और एक चुटकी सेंधा नमक मिलकर सेवन करना चाहिए। आँखों के निचे काले धब्बो के लिए हमे आपको सुबह सुबह आँखों पर पानी के छींटे मारकर गिलोय का रस आँखों के निचे व आस पास लगाना चाहिए। लगातार एक हफ्ते  दिनचर्या को अपनाने से आप आखो के निचे काले धब्बो से छुटकारा पा सकते है।

7. यह गले सम्बन्धी रोगो से भी मुक्ति दिलाता है।


गिलोय के रस का काढ़ा बनाकर पीने से हमें गले में होने वाली समस्याओ से छुटकारा पा सकते है। इसके काढ़ा पीने से गले में खरास, खासी, गले में दर्द और टीबी जैसे रोगो से छुटाकार मिलता है। हमारी आवाज को भी बेहतर और साफ़ बनाता है। आप गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि YouTube पर देख सकते है।

8. गिलोय का सेवन गुप्त रोगो में राहत का काम करता है।


गिलोय के रस का या इसका काढ़ा पीने से पुरषो और महिलाओ में गुप्त रोगो को दूर करने का काम करता है। गिलोय, हरड़ और धनिया का बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से पुरुषो में बवासीर, यौन समस्या और मूत्र संबधी दोषो  से निजात दिलाता है। महिलाओ में यह मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा में भी राहत का काम करता है।

 
giloy in hindi

 

गिलोय के नुकसान | Side effects of Giloy in Hindi


गर्भावस्था के दौरान गिलोय का सेवन हानिकारक होता है।
यह उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। इसलिए जिन लोगो का पहले से ही blood pressure low है, ऐसे में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
इसका सेवन पाचन शक्ति में वृद्धि तो करता है ही, लेकिन अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन पाचन सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

सावधानियां | Precautions


गिलोय आयुर्वेद की महतवपूर्ण औषधि मानी जाती है जिसके सेवन से बहुत से लाभ प्राप्त होते है। लेकिन इसका सही तरीके से सेवन न करने पर और अत्यधिक मात्रा में सेवन करने पर यह हानिकारक भी साबित हो सकती है। इसलिए यह जानना बेहत आवशयक है कि इसका सेवन किस प्रकार करना चाहिए और कितनी मात्रा में करना चाहिए?

गिलोय का सेवन आमतौर पर रस और काढ़े के रूप में किया जाता है, लेकिन आजकल बाजार में इसका चूर्ण, capsules और tablets भी मिलते है। आप चूर्ण और tablets से परहेज ही करे, तो बेहतर है।  

गिलोय के रस और काढ़े का सेवन 20 से 30 मिलीग्राम तक ही करना चाहिए। इसका सेवन खाने के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए। सुबह सुबह खाली पेट इसका सेवन सबसे ज्यादा लाभकारी होता है।

गिलोय का उपयोग किसे करना चाहिए? | Who Should Use Giloy?


  • जो लोग कमजोर इम्युनिटी से पीड़ित है, और जिन्हे खासी, जुकाम और बुखार जैसे रोग लगातार होते रहते है। ऐसे में गिलोय के रस या काढ़े का सेवन इसके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
  • मलेरिया, डेंगू और चिकेनगुनिया की स्थिति में इसका सेवन रोगी के लिए राहत का काम करता है।
  • खासी, गले में खरास, गले के कंठु, गला दर्द करना या अन्य गले से संबधित रोगो की स्थिति में इसका सेवन किया जा सकता है।
  • जो लोग किसी प्रकार के त्वचा सम्बन्धी रोग या allergy से पीड़ित है, उन लोगो के लिए यह फायदेमंद होता है।
  • यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है। इसलिए जो लोगपेट की समस्याओ कब्ज, गैस और अपच से पीड़ित है, वे लोग भी इसका सेवन कर सकते है।
  • यह गुप्त रोगो की समस्याओ में लाभकारी सिद्ध हुआ है। मूत्र से सम्बन्धी विकारो में यह रोगी के लिए फायदेमंद है।
  • अत्यधिक शराब की वजह से जिन लोगो का लीवर डैमेज हो चूका है, उन लोगो के लीवर के लिए गिलोय का सेवन गुणकारी होता है।
  • अस्थमा, अनीमिया और पीलिया के रोगी भी इसका सेवन से लाभ प्राप्त कर सकते है।


गिलोय का उपयोग किसे नहीं करना चाहिए? | Who Should Not Use Giloy?


गर्भवती महिलाओ को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए?
निम्न रक्त चाप से पीड़ित व्यक्तियो के लिए इसका सेवन हानिकारक हो सकता है।

गिलोय का रस कैसे बनाये? | How to make Giloy juice?


गिलोय का रस बनाने के लिए आप कुछ गिलोय की बेल के तने को छोटे छोटे टुकड़ो में कांटकर रख ले। इसके पश्चात इन टुकड़ो को पीसकर हल्के गर्म पानी में मिलकर निचोड़ ले। इसके बाद इनके निचोड़े हुए तने को बाहर निकाल दे और पानी को छान ले। इसे ही गिलोय का रस कहा जाता है।

काढ़ा बनाने के लिए आप जिस प्रकार का काढ़ा बनाना चाहते है, उसमे गिलोय के रस का उपयोग कर सकते है।

 


Frequently Asked Questions -

गिलोय का सेवन कैसे करें?


गिलोय के रस और काढ़े का सेवन 20 से 30 मिलीग्राम तक ही करना चाहिए। इसका सेवन खाने के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए। सुबह सुबह खाली पेट इसका सेवन सबसे ज्यादा लाभकारी होता है।

गिलोय का रस कैसे निकाले?


कुछ गिलोय की बेल के तने को छोटे छोटे टुकड़ो में कांटकर रख ले। इसके पश्चात इन टुकड़ो को पीसकर हल्के गर्म पानी में मिलकर निचोड़ ले। इसके बाद इनके निचोड़े हुए तने को बाहर निकाल दे और पानी को छान ले। इसे ही गिलोय का रस कहा जाता है।

गिलोय का सेवन किन लोगो को नहीं करना चाहिए?


गिलोय का सेवन गर्भवती महिलाओ को नहीं करना चाहिए। निम्न रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति के लिए भी गिलोय का सेवन हानिकारक होता है।

क्या बुखार में गिलोय के रस का सेवन लाभकारी होता है?


गिलोय बुखार, खासी, जुकाम, गले में दर्द, मलेरिया, डेंगू, अनीमिया, पीलिया और गठिया जैसे रोगो को दूर करने में सक्षम है। यह त्वचा सम्बन्धी रोगो को दूर करने में सहायक है और साथ ही यह पाचन संबधित समस्याओ को भी दूर करता है।

 

यह भी पढ़े।
 

 

निष्कर्ष -


आयुर्वेद में ऐसी अनेको जड़ी बूटी के बारे में बताया गया है जो किसी भी प्रकार के रोगो से लड़ने में सक्षम है। गिलोय उन महतवपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है। इसके इस्तेमाल के तरीको और उपयोग को हम सही से जान ले, तो यह हमारे लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इसके जरिये हम अनेको रोगो से छुटकारा पा सकते है।

इसलिए किसी भी प्रकार का रोग होने पर आप आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेकर गिलोय का सेवन कर सकते है और इससे लाभ प्राप्त कर सकते है।

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

Post a Comment (0)

और नया पुराने