पवनमुक्तासन के फायदे और नुकसान। | 15+ Pawanmuktasana Benefits

बाजार का फ़ास्ट फ़ूड खाने या गलत खाने पीने के कारण हमारा पेट फूलने लगता है और गैस पैदा होने लगती है। इस समस्या को दूर करने के लिए लोग दवाइयों का इस्तेमाल करते है। लेकिन क्या आप जानते है कि एक ऐसा योगासन है जिसकी मदद से गैस की समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते है?

उसका नाम है पवनमुक्तासन। इस article में हम जानेंगे कि पवनमुक्तासन क्या है, इसे कैसे किया जाता है, इसके क्या क्या फायदे है और आपको इसका अभ्यास रोजाना क्यों करना चाहिए।

 

पवनमुक्तासन के फायदे

 

पवनमुक्तासन -


पवनमुक्तासन तीन शब्दो से मिलकर बना है: 'पवन' जिसका अर्थ है 'वायु' और 'हवा', 'मुक्त' जिसका अर्थ है 'छोड़ना' और 'आसन' का अर्थ है 'मुद्रा' है। इस आसन के जरिये हम शरीर में उत्पन्न हुई गैस को बाहर निकलते है।

कुछ अंट शंट खाने की वजह से शरीर में हानिकारक गैस पैदा होने लगती है और यह गैस शरीर में अनेक बीमारियों, परेशानी और तकलीफो का कारण बनती है। लेकिन इस आसन के अभ्यास से आप शरीर में पैदा हुई हानिकारक गैस आसानी से शरीर से बाहर निकाल सकते है। लेकिन इस आसन के फायदे यहीं तक सीमित नहीं है।

 

pawanmuktasana in hindi

 

पवनमुक्तासन के फायदे -


  1. यह पेट में उत्पन्न हुई हानिकारक गैस को बाहर निकालने में सहायक है।
  2. इसका रोजाना अभ्यास आपको अनेको बीमारियों गैस्ट्रिक और एसिडिटी से भी दूर रखता है।
  3. कब्ज और गैस में यह आसन रामबाण का काम करता है।
  4. इस आसन का दैनिक अभ्यास पेट की चर्बी कम करने में सहायक है।
  5. यह आसन कमर दर्द को भी दूर करता है और साइड फैट घटाने में सहायक है।
  6. इसका रोजाना अभ्यास रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
  7. यह आसन हृदय को सही से पंप करने के लिए भी काम में आता है।
  8. इस आसन का नियमित अभ्यास पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
  9. इसके अभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।


 

 
pawanmuktasana benefits in hindi

 

पवनमुक्तासन करने की विधि -


  • इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले शवासन की मुद्रा में लेट जाए।
  • अपने पैरो को कंधो के समान चौड़ा रखे और गहरी सांस ले।
  • अब आप दोनों पैरो के घुटने मोड़कर ऊपर की और उठाये और अपने हाथो से उन्हें पकड़कर रखे। (जैसा की चित्र में दर्शाया गया है।)
  • अब सांस छोड़ते हुए अपने घुटनो को दबाते हुए छाती की और ले जाएँ और अपने सर के द्वारा घुटनो को चुने की कोशिश करे।
  • इस मुद्रा में कुछ समय तक रहे फिर श्वास छोड़ते हुए सामन्य अवस्था में आ जाए।
  • इस आसन को आप 20 से 30 seconds रोककर तथा 2 से 3 चक्र रोजाना कर सकते है।


 

 

सावधानियां -


  • कमर, घुटनों और गर्दन में दर्द होने पर इस आसन को न करे।
  • गर्भवती महिआए इस आसन का परहेज करें।
  • इस आसन को सुबह सुबह ही करे और खाने के पश्चात ना करे।


Frequently Asked Questions -


पवनमुक्तासन क्या है?


पवनमुक्तासन तीन शब्दो से मिलकर बना है: 'पवन' जिसका अर्थ है 'वायु' और 'हवा', 'मुक्त' जिसका अर्थ है 'छोड़ना' और 'आसन' का अर्थ है 'मुद्रा' है। इस आसन के अभ्यास से आप शरीर में पैदा हुई हानिकारक गैस आसानी से शरीर से बाहर निकाल सकते है।

पवनमुक्तासन कैसे किया जाता है?


इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले शवासन की मुद्रा में लेट जाए। अपने पैरो को कंधो के समान चौड़ा रखे और गहरी सांस ले। अब आप दोनों पैरो के घुटने मोड़कर ऊपर की और उठाये और अपने हाथो से उन्हें पकड़कर रखे।अब सांस छोड़ते हुए अपने घुटनो को दबाते हुए छाती की और ले जाएँ और अपने सर के द्वारा घुटनो को चुने की कोशिश करे।

पवनमुक्तासन के की क्या फायदे है?


ये कुछ पवनमुक्तासन के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे है।

  • इसका रोजाना अभ्यास आपको अनेको बीमारियों गैस्ट्रिक और एसिडिटी से भी दूर रखता है।
  • कब्ज और गैस में यह आसन रामबाण का काम करता है।
  • इस आसन का दैनिक अभ्यास पेट की चर्बी कम करने में सहायक है।
  • यह आसन कमर दर्द को भी दूर करता है और साइड फैट घटाने में सहायक है।


बाकि फायदों के बारे में जानने के लिए पूरा article पढ़े।

पवनमुक्तासन को कब और कितने समय तक किया जाना चाहिए?


इस आसन का अभ्यास करने का उचित समय सुबह सुबह खाली पेट का होता है।  इस आसन को खाने के 2 से 3 घंटे बाद ही करना चाहिए। इस आसन को 20 से  30 seconds मुद्रा में और 2 से 3 चक्र ही काफी है।

 

यह भी पढ़े। 
 

 

निष्कर्ष -


यह आसन भी काफी सरल और साधारण आसनो में से एक है, जिसे लेटकर किसी भी उम्र का व्यक्ति आसानी से कर सकता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से यह पेट में उत्पन्न होने वाले विकारो से हमें दूर रखता है और हमें अनेको बीमारियों से भी बचाता है। इसलिए इस आसन का अभ्यास रोजाना करना चाहिए।

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

Post a Comment (0)

और नया पुराने