शवासन के फायदे और नुकसान। | 10+ Savasana in Hindi

शवासन एक ऐसा योगासन जो आपके पुरे शरीर को आराम देता है और इसका अभ्यास करने में किसी भी प्रकार का बल का प्रयोग नहीं करना पड़ता। यह योगचर्या के के ख़त्म होने के पश्चात किये जाने वाला आसन है? यह पुरे शरीर का मानसिक तनाव कम करने में मदद करता है?

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शवासन क्या है, इसे कैसे किया जाता है, इसके क्या क्या फायदे है और आपको इसका अभ्यास रोजाना क्यों करना चाहिए और क्यों इसे अपनी योगचर्या में शामिल करना चाहिए?

 

शवासन के फायदे

 

शवासन -


शवासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, 'शव' जिसका अर्थ है 'मृत शरीर' और आसन जिसका अर्थ होता है 'मुद्रा'। इस मुद्रा में शरीर एक मृतक शरीर के समान लगता है। इस आसन का अभ्यास पुरे शरीर के तनाव को कम करता है। इसके साथ साथ यह हमारे मन को भी शांत करता है। लेकिन इस आसन के फायदे यहीं तक सीमित नहीं है।

 

savasana ke fayde

 

शवासन के फायदे -


  1. सर दर्द, कमर दर्द और थकान को दूर करने के लिए यह सबसे बढ़िया आसन है।
  2. यह मानसिक और शारीरिक तनाव कम करने में मदद करता है।
  3. इस आसन का अभ्यास अनिद्रा को भी दूर करता है।
  4. यह आसन उच्च रक्तचाप को कम करने में फायदेमंद है।
  5. इस आसन का अभ्यास एकाग्रता में वृद्धि करता है।
  6. यह आसन हमारी याददाश्त में भी सुधार करता है।
  7. यह आसन पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है।
  8. क्योंकि यह आसन सबसे सरल और साधारण है इसे बुजुर्ग और गर्भवती महिलाए भी आसानी से कर सकती है।


 

 
savasana in hindi

 

शवासन करने की विधि -


  • सबसे पहले योग मैट बिछाकर जमीन पर बैठ जाए।
  • अब एक गहरी सांस लेकर पेट के बल लेट जाए।
  • अपने पैरो के बीच 2 फ़ीट चौड़ा और हाथो को थोड़ा खुला रखे।
  • अपने पूरे शरीर को खींचने का प्रयास करें और अपनी हथेलियों को आसमान की ओर रखे।
  • अब अपने पूरे शरीर को आराम देने की कोशिश करें।
  • इस मुद्रा में आप जितनी देर तक चाहे, उतनी देर तक रह सकते है।
  • इस योगासन का अभ्यास 5 से 10 मिनट या 20 मिनट तक भी किया जा सकता है।
  • इस आसन को योग मैट बिछाकर ही करे।


 

 

सावधानियां -


  • इस आसन को योग मैट बिछाकर ही करे।


Frequently Asked Questions -


शवासन क्या है?


शवासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, 'शव' जिसका अर्थ है 'मृत शरीर' और आसन जिसका अर्थ होता है 'मुद्रा'। इस मुद्रा में शरीर एक मृत शरीर के समान लगता है। इस आसन का अभ्यास पुरे शरीर के तनाव को कम करता है। इसके साथ साथ यह हमारे मन को भी शांत करता है।

शवासन कैसे किया जाता है?


सबसे पहले योग मैट बिछाकर जमीन पर बैठ जाए। अब एक गहरी सांस लेकर पेट के बल लेट जाए। अपने पैरो के बीच 2 फ़ीट चौड़ा और हाथो को थोड़ा खुला रखे। अपने पूरे शरीर को खींचने का प्रयास करें और अपनी हथेलियों को आसमान की ओर रखे। अब अपने पूरे शरीर को आराम देने की कोशिश करें।

शवासन के क्या क्या फायदे है?


ये कुछ शवासन के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे है।

  • यह मानसिक और शारीरिक तनाव कम करने में मदद करता है।
  • इस आसन का अभ्यास अनिद्रा को भी दूर करता है।
  • यह आसन उच्च रक्तचाप को कम करने में फायदेमंद है।
  • इस आसन का अभ्यास एकाग्रता में वृद्धि करता है।


बाकि फायदों के बारे में जानने के लिए पूरा article पढ़े।

शवासन को कब और कितने समय तक किया जाना चाहिए?


इस आसन का अभ्यास रोजाना आपका योग रूटीन समाप्त होने के बाद करना चाहिए। इस आसन में 10 से 20 मिनट तक आसानी से रहा जा सकता है। इस आसन को हमेशा योग मैट बिछाकर ही करना चाहिए। इस आसन को बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी कर सकती है।

 

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निष्कर्ष -


क्योंकि यह सबसे सरल और साधारण आसन है, इसका अभ्यास कोई भी कर सकता है।  गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए तो यह आसन अत्यंत लाभकारी है। यह पुरे शरीर का तनाव और मानसिक तनाव कम करने में काफी मदद करता है।

इस योगासन को प्राय योगचर्या समाप्त होने के बाद शरीर को आराम देने के लिए किया जाता है। क्योकि यह सबसे सरल और साधारण आसनो में से है, इसके फायदे किसी भी प्रकार से कम नहीं है। इसलिए इस आसन का अभ्यास आपको अपनी योग रूटीन के ख़त्म होने के बाद करना चाहिए।

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