सूर्यभेदी प्राणायाम के जरिये पिंगला नाड़ी को जागृत किया जाता है। यह हमारे मस्तिष्क को बेहतर बनाता है, जिससे हमारे सोचने की शक्ति बढ़ती है। आमतौर पर योगियों द्वारा इसका प्रयोग प्राण शक्ति जागृत करने के लिए किया जाता है। इस प्राणायाम का एक विशेष लक्ष्य होता है और वह लक्ष्य पौरुष शक्ति को मजबूती प्रदान करना।
यह प्राणायाम आपको देखने में सरल लग सकता है, लेकिन इसका अभ्यास अत्यंत ही कठिन है। इसके लिए आपको पहले इस प्राणायाम के महत्व को समझना पड़ता है।
इस article में हम जानेंगे कि शीतली प्राणायाम क्या है, इसके फायदे क्या क्या है और आपको क्यों रोजाना शीतली प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।
सूर्यभेदी प्राणायाम -
सूर्यभेदी का मतलब है पिंगला नाड़ी का भेदन करना अर्थात इस प्राणायाम के जरिये पिंगला नाड़ी को जागृत किया जाता है। यह प्राणायाम कुंडली जागृत करने के लिए भी महतवपूर्ण है। इसलिए योगी इसका खासतौर पर अभ्यास करते है।
इसका नियमित अभ्यास कुष्ठ रोग छुटकारा मिलता है और साथ ही यह मन और विचारो पर नियंत्रण पाने में भी मदद करता है। लेकिन इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है।
सूर्यभेदी प्राणायाम के फायदे।
- इसका नियमित अभ्यास करने से कुष्ठ रोग से छुटकारा मिलता है।
- यह मन और विस्कारो पर संचालन बनाये रखने में मदद करता है।
- सूर्यभेदी प्राणायाम चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियों को कम करना में मदद करता है।
- इसके नियमित अभ्यास के कारण जठरग्नि मजबूत होती है।
- इसके नियमित अभ्यास से सर दर्द और माइग्रेन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- सुबह सुबह सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास करने से याददाश्त बढ़ती है और बुद्धि भी तेज होती है।
- जो लोग आलस महसूस करते है, पांच मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने से वे आलस से मुक्ति पा सकते है।
- इसके नियमित अभ्यास से लाल रक्त कोशिका में प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ती है।
- यह प्राणयाम पूरे शरीर में स्फूर्ति, आराम और गर्मी पैदा करता है, जो हमारे स्वास्थय के लिए काफी है।
- यह शरीर और रक्त कोशिकाओं में oxygen की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है।
- जैसा की सभी प्राणायामों की विशेषता होती है। यह भी मानसिक तनाव और अवसाद से मुक्ति पाने में मदद करता है।
- यह प्राणायाम रक्तचाप को कम करने में और साथ ही रक्तचप का संतुलन बनाने में भी मदद करता है।
सूर्यभेदी प्राणयाम करने की विधि।
सूर्यभेदी प्राणायाम कोई साधारण प्राणायाम नहीं है, जिसका अभ्यास कोई भी कर सकता है। इस प्राणयाम को करने की विधि काफी मुश्किल है। इसकी विधि समझना कोई साधारण बात नहीं है। आपको किसी शिक्षक की जरूरत पड सकती है।
जैसा कि मैंने बताया यह एक विशेष प्राणायाम है, जिसका अभ्यास कुण्डलिनी जागृत करने और पुरुष शक्ति मजबूत करने के लिए किया जाता है। इसका अभ्यास विशेष लक्षयों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसलिए बेहतर होगा आप किसी योगगुरु की सहायता ले।
सावधानियां।
यह एक विशेष किस्म का प्राणायाम है, जो बहुत से लोगो का समझना काफी कठिन है , इस्लिएये इसका अभ्यास हर व्यक्ति के लिए जरूरी नहीं है। इस प्राणायाम को कुण्डलिनी जागृत करने के लिए किया जाता है। इसलिए इसका अभ्यास बिना किसी शिक्षक की सहायता के सफल नहीं होता।
Frequently Asked Question –
सूर्यभेदी प्राणायाम क्या है?
सूर्यभेदी का मतलब है पिंगला नाड़ी का भेदन करना अर्थात इस प्राणायाम के जरिये पिंगला नाड़ी को जागृत किया जाता है। यह प्राणायाम कुंडली जागृत करने के लिए भी महतवपूर्ण है। इसलिए योगी इसका खासतौर पर अभ्यास करते है।
सूर्यभेदी प्राणायाम कैसे किया जाता है?
सूर्यभेदी प्राणायाम कोई साधारण प्राणायाम नहीं है, जिसका अभ्यास कोई भी कर सकता है। इस प्राणयाम को करने की विधि काफी मुश्किल है। इसकी विधि समझना कोई साधारण बात नहीं है। आपको किसी शिक्षक की जरूरत पड सकती है।
सूर्यभेदी प्राणायाम के क्या फायदे है?
ये कुछ सूर्यभेदी प्राणायाम के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे है।
- यह मन और विस्कारो पर संचालन बनाये रखने में मदद करता है।
- सूर्यभेदी प्राणायाम चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियों को कम करना में मदद करता है।
- इसके नियमित अभ्यास के कारण जठरग्नि मजबूत होती है।
- इसके नियमित अभ्यास से सर दर्द और माइग्रेन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
बाकि फायदों के बारे में जानने के लिए पूरा article पढ़े।
सूर्यभेदी प्राणायाम कब और कितने समय तक करना चाहिये?
इस प्राणायाम का अभ्यास मुख्य रूप से पुरुष शक्ति और कुण्डलिनी जागृत करने के लिए किया जाता है। इसलिए जाहिर है कि इसका अभ्यास सभी के लिए नहीं है। इसका अभ्यास करने से पहले आप किसी योगगुरु की सहायता अवशय ले।
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निष्कर्ष।
सूर्यभेदी प्राणायाम के फायदे तो बहुत है। ये सभी फायदे आपको दुसरे बहुत से प्राणायामों के जरिये भी प्राप्त हो सकते है। इस प्राणायाम का अभ्यास योगियों द्वारा कुण्डलिनी जागृत करने के लिए किया जाता है। इसलिए यह प्राणायाम सभी के लिए नहीं है। यह प्राणायाम आपके मानसिक विक्कास पर काफ़ी प्रभाव डालता है।
इस प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए आप किसी इंस्ट्रक्टर या योगगुरु की सलाह अवश्य ले।
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