उज्जायी प्राणायाम के फायदे। | 15+ Ujjayi Pranayama Benefits

उज्जायी प्राणायाम के जरिये आप अपने अशांत मन को शांत कर सकते है। बहुत से योगी प्राचीन समय से उज्जायी प्राणायाम के जरिये अपने मन को विचारो से मुक्त करने का अभ्यास करते थे। बहुत से लोग आज भी इसी कारण उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करते है।  लेकिन इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है।

इस article में हम जानेंगे कि उज्जायी प्राणायाम क्या है, इसके फायदे क्या क्या है और आपको क्यों रोजाना उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।

 
उज्जायी प्राणायाम के फायदे

 

उज्जायी प्राणायाम -


यह शब्द "उज्जायी" संस्कृत भाषा के उपसर्ग "उद्" और "जि" से बना है जिसका अर्थ होता है, 'विजयी होना'। उज्जायी प्राणायाम का अर्थ है "विजयी श्वास " अर्थात वो श्वास जो विजयी है। उज्जायी प्राणायाम का सम्पूर्ण लक्ष्य अपनी स्वास पर नियंत्रण के जरिये अपने मन में उत्पन्न हुए विचारो पर संतुलन पाने के लिए किया जाता है।

इस प्रकार यह आपके मानसिक संचालन को ठीक करने और उसे बेहतर बनाने का काम करता है। लेकिन इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है। चलिए उज्जायी प्राणायाम के फायदों के बारे में गहराई से जानते है।

 

ujjayi pranayama ke fayde

 

उज्जायी प्राणायाम के फायदे ।


  1. उज्जायी प्राणायाम आपको सभी आक्रमक विचारो से मुक्ति दिलाकर आपको एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना सिखाता है।
  2. यह प्रभावशाली तरीके से एकाग्रता में वृद्धि करता है और आपके अंदर सकारात्मकता का विकास करता है।
  3. उज्जायी प्राणायाम के नियमित आभास से शरीर और मस्तिष्क में स्फूर्ति आती है।
  4. उज्जायी प्राणायाम शरीर में रक्त के बहाव को संतुलित रखता है तथा उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप के रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
  5. यह प्राणयाम आपकी आँखों की रौशनी बनाये रखने में मदद करती है और आँखों के रोग जैसे मोतियाबिंद को दूर करता है।
  6. इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
  7. किसी भी प्रकार का प्राणायाम शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है और उज्जायी प्राणायाम कपालभाति के बाद दूसरा प्रभावशाली प्राणायाम है। यह मानसिक तनाव और अवसाद से मुक्ति पाने में मदद करता है।
  8. उज्जायी प्राणायाम अस्थमा और श्वास की अन्य समस्याओ को दूर करने में भी भूमिका निभाता है।  
  9. इसके नियमित अभ्यास से सर दर्द और माइग्रेन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  10. इस प्राणायाम की मदद से फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को साफ और मजबूत बनाया जा सकता है।
  11. यह खून को साफ करने में सहायक है।
  12. यह शरीर और रक्त कोशिकाओं में oxygen की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है।
  13. उज्जायी प्राणायाम का 10 से 15 मिनट का अभ्यास 4 घंटो की नींद की पूर्ति करता है।


 

ujjayi pranayama hindi

 

उज्जायी प्राणायाम करने की विधि।


  • यह सबसे आसान और साधारण प्राणायाम है। इसका अभ्यास करने के लिए आप पद्मासना या सुखासन की मुद्रा में बैठ जाए।
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और सीधा रखे।
  • अब धीरे धीरे गहरी और लम्बी साँसे लेनी शुरू करे।
  • आपको इस तरह साँस लेनी है ताकि आप अपनी साँस अपने नाक के छिद्रो के ऊपर महसूस कर सके।   
  • अब मुंह से 'हा' की ध्वनि निकालते हुए धीरे धीरे साँस को बाहर निकाले।
  • आपको इसी तरह साँस को अंदर बाहर करने का अभ्यास करना है।
  • आप इस प्राणायाम का अभ्यास से 10 से 15 मिनट तक आसानी से क्र सकते है।
  • इसका अभ्यास सुबह सुअभ करना उचित है क्योकि सुबह ही आपको सबसे तजा हवा मिलती है। इसके अतिरिक्त शाम को भिओ इस प्राणायाम का अभ्यास किया जा सकता है।


 

 

सावधानिया।


  • बुखार और सर दर्द की स्तिथि में उज्जायी प्राणायाम को न करे।


Frequently Asked Question –


उज्जायी प्राणायाम क्या है?


यह शब्द "उज्जायी" संस्कृत भाषा के उपसर्ग "उद्" और "जि" से बना है जिसका अर्थ होता है, 'विजयी होना'। उज्जायी प्राणायाम का अर्थ है "विजयी श्वास " अर्थात वो श्वास जो विजयी है। उज्जायी प्राणायाम का सम्पूर्ण लक्ष्य अपनी स्वास पर नियंत्रण के जरिये अपने मन में उत्पन्न हुए विचारो पर संतुलन पाने के लिए किया जाता है।

उज्जायी प्राणायाम कैसे किया जाता है?


  • इसका अभ्यास करने के लिए आप पद्मासना या सुखासन की मुद्रा में बैठ जाए।
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और सीधा रखे।
  • अब धीरे धीरे गहरी और लम्बी साँसे लेनी शुरू करे।
  • आपको इस तरह साँस लेनी है ताकि आप अपनी साँस अपने नाक के छिद्रो के ऊपर महसूस कर सके।   
  • अब मुंह से 'हा' की ध्वनि निकालते हुए धीरे धीरे साँस को बाहर निकाले।
  • आपको इसी तरह साँस को अंदर बाहर करने का अभ्यास करना है।



उज्जायी प्राणायाम के क्या फायदे है?


ये कुछ उज्जायी प्राणायाम के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे है।

  • उज्जायी प्राणायाम आपको सभी आक्रमक विचारो से मुक्ति दिलाकर आपको एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना सिखाता है।
  • इसके नियमित अभ्यास से सर दर्द और माइग्रेन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • इस प्राणायाम की मदद से फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को साफ और मजबूत बनाया जा सकता है। 
  • यह शरीर और रक्त कोशिकाओं में oxygen की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है।


बाकि फायदों के बारे में जानने के लिए पूरा article पढ़े।

उज्जायी प्राणायाम कब और कितने समय तक करना चाहिये?


आमतौर पर इस प्राणायाम का अभ्यास सुबह सुबह करना ही सबसे बेहतर माना जाता है लेकिन आप इसे शाम को कर सकते है। यह आमतौर पर 10 से 20 मिनट तक किया जा सकता है और आप अपने अनुसार इसकी समय सीमा बड़ा सकते है।

 

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निष्कर्ष।


उज्जायी प्रणायाम भले ही आसान और साधारण हो, लेकिन इससे मिलने वाले फायदों को कभी भी नकारा नहीं जा सकता है। प्राचीन समय से इस प्राणायाम का भारत के योगियों की बीच विशेष महत्व रहा है। ऐसा इसलिए कि यह उन्हें उनके विचारो पर नियंत्रण पाने में मदद करता है। योगी इसी प्राणयाम का अभ्यास अपने मन को संतुलित करने के लिए करते थे।

अगर आप भी अपना मन और मष्तिष्क संतुलित करना चाहते है या फिर अपना मानसिक विकास करना चाहते है, तो यह आपके लिए सबसे महतवपूर्ण प्राणायाम साबित हो सकता है।
 

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