योग में हर प्रकार के रोग और शारीरिक कमियों को ख़त्म करने के लिए बहुत से आसन है। ऐसे में अगर हम पैरो के लिए सबसे बढ़िया आसान की तो वीरासन का ना सबसे पहले आता है। इस आसन को गर्भवती महिलाये और बुजुर्ग भी कर सकते है। यह योग के सबसे सरल और साधारण आसनो में से एक है। लेकिन इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है।
इस article में हम जानेंगे कि वीरासन क्या है, इसके क्या क्या फायदे और नुकसान है, इसे कैसे किया जाता है तथा आपको इसका अभ्यास रोजाना क्यों करना चाहिए?
वीरासन -
वीरासन वज्रासन के सामान दिखने वाला आसन है, लेकिन इन दोनों में बहुत अंतर है। वज्रासन में आप अपनी एड़ी पर बैठते है जिसमे आपके दोनों घुटनो के बीच थोड़ी जगह होती है। जबकि वीरासन में आप पैरो के ऊपर बैठते है, घुटने एक दुसरे से जुड़े होते है और एड़ी बाहर की तरफ होती है।
वीरासन योग के सबसे साधारण और सरल आसनो में से एक है और काफी महत्वपूर्ण भी है, क्योकि इसे बैठकर किया जा सकता है। इसे ध्यान और प्राणायाम के समय विकल्प के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
मुख्यतः यह आसन पैरों को आराम देने तथा पैरो में रक्त संचार का संतुलन बनाये रखने के लिए उपयोगी है।
वीरासन के फायदे -
- इसके अभ्यास से हृदय और श्वसन प्रणाली की कार्य शक्ति में भी वृद्धि होती है।
- यह आसन कब्ज, बवासीर, पेट फूलना और अपच ठीक करता है।
- यह आसन थके हुए पैरों को आराम देने में सहायक है और पैरो की चर्बी को भी कम करता है।
- इसका अभ्यास गर्भावस्था के दौरान आयी पैरों की सूजन को कम करता है।
- वीरासन उच्च रक्तचाप, अस्थमा को ठीक करने में मदद करता है।
- इस आसन में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखा जाता है जो कमर दर्द को ठीक करने में सहायक है।
- यह आसन पैरों में रक्त संचार का संतुलन बांये रखता है।
- इसके अभ्यास से पाचन शक्ति में वृद्धि और गैस से राहत मिलती है।
- इस मुद्रा में बैठकर शरीर की ऊर्जा पर नियंत्रण तथा एकाग्रता शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।
- यह आसन मानसिक तनाव को कम करने और कई मानसिक रोगो से लड़ने में भी सहायता करता है।
- यह पीठ, कंधे और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है।
- यह आसन शरीर में संतुलन बनाये रखने, एकाग्रता में वृद्धि कारण में सहायक है।
वीरासन करने की विधि -
- वीरासन को बैठकर किया जाता है। इसलिए आप पैरो को मोड़कर बैठ जाइये और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखिये।
- इस आसन को करने से पहले योग मैट या चटाई का इस्तेमाल करे।
- अब अपने दाहिने घुटने को धीरे से मोड़कर बाहर निकाले और इसी तरह अपने बांये घुटने के साथ करे।
- अब आराम से इस स्थति में बैठ जाइये और ध्यान रहे कि आप अपनी एड़ियों को बाहर की तरफ करके बैठे हो।
- इस आसन को 5 से 7 मिनट तक सानै से किया जा सकता है।
- इसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है।
सावधानियां -
- अगर आपके पैरो में किसी प्रकार की चोट है तो इस आसन को न करे।
- हृदय सम्बन्धी रोग, गठिया या सिरदर्द से पीड़त लोग इस आसान का अभ्यास न करे।
- अगर इस आसन को करने में आपको पैरो में कोई तकलीफ हो तो निचे कोई तौलिया या कपडे बिछाकर इस आसन को आसानी से कर सकते है।
Frequently Asked Questions -
वीरासन क्या है?
वीरासन योग के सबसे साधारण और सरल आसनो में से एक है और काफी महत्वपूर्ण भी है, क्योकि इसे बैठकर किया जा सकता है। इसे ध्यान और प्राणायाम के समय विकल्प के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। मुख्यतः यह आसन पैरों को आराम देने तथा पैरो में रक्त संचार का संतुलन बनाये रखने के लिए उपयोगी है।
वीरासन कैसे किया जाता है?
आप पैरो को मोड़कर बैठ जाइये और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखिये। अब अपने दाहिने घुटने को धीरे से मोड़कर बाहर निकाले और इसी तरह अपने बांये घुटने के साथ करे। अब आराम से इस स्थति में बैठ जाइये और ध्यान रहे कि आप अपनी एड़ियों को बाहर की तरफ करके बैठे हो।
वीरासन करने के क्या क्या फायदे है?
ये कुछ वीरासन के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे है।
- इसके अभ्यास से हृदय और श्वसन प्रणाली की कार्य शक्ति में भी वृद्धि होती है।
- यह आसन कब्ज, बवासीर, पेट फूलना और अपच ठीक करता है।
- यह आसन थके हुए पैरों को आराम देने में सहायक है और पैरो की चर्बी को भी कम करता है।
- इसका अभ्यास गर्भावस्था के दौरान आयी पैरों की सूजन को कम करता है।
बाकि फायदों के बारे में जानने के लिए पूरा article पढ़े।
वीरासन को कब और कितने समय तक किया जाना चाहिए?
वीरासन को करने का कोई भी उचित समय है, इसे आप किसी भी समय कर सकते है। इसे खाने के 5 से 10 मिनट बाद भी किया जा सकता है। इसे 5 से 10 मिनट तक बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी कर सकती है?
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निष्कर्ष -
वीरासन योग के साधारण और सरल आसनो में से एक है जिसे बैठकर किया जाता है। हालांकि इसका साधारण होना इसके होने वाले फायदों को किसी प्रकार भी कम नहीं करता है। यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि वज्रासन और पद्मासन।
यह आसन साधारण लोगों के साथ साथ बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी कर सकती है जो इसके काफी महत्वपूर्ण फायदों में से एक है। इसलिए बुजुर्गो और महिलाओं को यह आसन जरूर करना चाहिए।
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